à¤à¤• विचार के बारे में सोचने के लिà¤, शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का à¤à¤• धागा बनाने के लिठऔर फिर उसे à¤à¤• कागज के टà¥à¤•ड़े पर लिखने के लिठदà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के साथ कहीं à¤à¥€, कà¤à¥€ à¤à¥€ और इस महामारी के दौरान, उपायà¥à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¥€ वीरेंदà¥à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤° शरà¥à¤®à¤¾ का बयान अदà¥à¤à¥à¤¤ था। गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤‚वाला गà¥à¤°à¥ नानक खालसा कॉलेज, लà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾ का हमेशा से अनà¥à¤¸à¤‚धान और अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ को पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤, पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ और समरà¥à¤¥à¤¨ करना आदरà¥à¤¶ और पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ रही है। गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤‚वाला खालसा शिकà¥à¤·à¤¾ परिषद, लà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾ के ततà¥à¤µà¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ में अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤•ोतà¥à¤¤à¤° विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आज उà¤à¤°à¤¤à¥‡ हà¥à¤ यà¥à¤µà¤¾ लेखकों का à¤à¤• पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• विमोचन समारोह आयोजित किया गया जो विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखे गठशोध पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ पर आधारित है। समारोह का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ डॉ. सà¥à¤®à¤¿à¤‚दरजीत कौर, à¤à¤¸à¥‹à¤¸à¤¿à¤à¤Ÿ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° और पà¥à¤°à¤®à¥à¤–, पी.जी. विà¤à¤¾à¤— ने पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• को अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में जारी करने के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ पर पà¥à¤°à¤•ाश डाला। डॉ. à¤à¤¸. पी सिंह योग अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·, गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤‚वाला खालसा शिकà¥à¤·à¤¾ परिषद और पूरà¥à¤µ कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿, गà¥à¤°à¥ नानक देव विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, अमृतसर यà¥à¤µà¤¾ दिमाग को अपनी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ दिखाने के लिठà¤à¤• मंच पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने के लिठà¤à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित करने के लिठअंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ विà¤à¤¾à¤— के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ की सराहना की। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने किताबें बनाने में अदà¥à¤à¥à¤¤ और कड़ी मेहनत को à¤à¥€ साà¤à¤¾ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पà¥à¤°à¥‹. गà¥à¤°à¤à¤œà¤¨ गिल इस संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के पूरà¥à¤µ छातà¥à¤° हैं और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कथा और कविता की किताबें लिखकर हमेशा कॉलेज का नाम पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ किया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने माता-पिता की गरिमा को बढ़ाने के लिठअंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ के पीजी विà¤à¤¾à¤— के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ की सराहना की।
कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ 'सà¥à¤ªà¥à¤²à¤¿à¤‚टर वाटर' की लेखिका पà¥à¤°à¥‹. अमरजीत कौर पनà¥à¤¨à¥‚ (कैलिफ़ोरà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾) दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के निरीकà¥à¤·à¤£ के साथ हà¥à¤ˆ, जिसमें सà¤à¥€ लेखकों के परिपकà¥à¤µ लेखन को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है। उà¤à¤°à¤¤à¥‡ हà¥à¤ यà¥à¤µà¤¾ लेखकों की किताब के बारे में बात करते हà¥à¤, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि किताब पढ़ते समय, वह किताब के साथ à¤à¤• हो सकती हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह हर पेपर पढ़ती हैं, यह उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लेखक की अवधारणा और फिर रहसà¥à¤¯à¤®à¤¯ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में ले जाती है। पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ दृषà¥à¤Ÿà¤¾à¤‚तों, पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•ों और रूपकों से à¤à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ है जो यà¥à¤µà¤¾ मन की रचनातà¥à¤®à¤•ता को उजागर करने और पाठक को शांति और पूरà¥à¤£à¤¤à¤¾ में à¤à¤•जà¥à¤Ÿ करने में मदद करती है।
'टू लाइवà¥à¤¸ ऑफ ठमैन' के लेखक डॉ. किताबों की वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ और विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ करते हà¥à¤ परमजीत सिंह रमना ने यह à¤à¥€ कहा कि बचà¥à¤šà¥‡ महामारी से मजबूत होकर उà¤à¤°à¥‡ हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उलà¥à¤²à¥‡à¤– किया कि यह कहना बहà¥à¤¤ परिपकà¥à¤µ दिमाग था कि अंतरंगता जरूरी नहीं कि à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• हो जो खà¥à¤¦ को खोठबिना खà¥à¤¦ को साà¤à¤¾ कर सके।
पà¥à¤°à¥‹. गà¥à¤°à¤à¤œà¤¨ गिल ने वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ विकास के लिठअनà¥à¤¸à¤‚धान की à¤à¥‚मिका, महतà¥à¤µ और महतà¥à¤µ पर बात की। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤‚वाला गà¥à¤°à¥ नानक खालसा कॉलेज दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अनà¥à¤¸à¤‚धान को बढ़ावा देने और कारà¥à¤¯ योजना को दूसरों तक पहà¥à¤‚चाने के लिठकिठजा रहे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ पर जोर दिया ताकि लेखन की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ वाला पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤‚दर रचनाओं के साथ आ सके।
समापन समारोह कॉलेज के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डॉ अरविंदर सिंह à¤à¤²à¥à¤²à¤¾ ने सà¤à¥€ गणमानà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ दिया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यà¥à¤µà¤¾ मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• के साथ-साथ रचनातà¥à¤®à¤• लेखन को बढ़ावा देने के लिठकारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित करने में अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤•ोतà¥à¤¤à¤° विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किठगठसराहनीय कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की सराहना की ताकि वे यà¥à¤µà¤¾ लेखकों से कà¥à¤› पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ ले सकें और बड़े सपने, बड़े लकà¥à¤·à¥à¤¯ ले सकें और अपने सपनों को साकार कर सकें।
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Balraj Khanna (Editor)