खालसा कालेज में अमृतसर साहितà¥à¤¯ उतà¥à¤¸à¤µ व पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मेले का आठवां दिन
पंजाब के बेहतर à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की तलाश को रहा समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤, à¤à¤œà¥‡à¤‚डा पंजाब अचà¥à¤›à¥‡ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की तलाश
आज हर पंजाबी अपने à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ से डरा हà¥à¤† है। इस कारण उसका पंजाब से माेह टूट गया है। उसका पंजाब में रहने को मन नहीं करता। यह विचार खालसा कालेज में नेशनल बà¥à¤• टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ इंडिया के सहयोग से करवाठजा रहे अमृतसर साहितà¥à¤¯ उतà¥à¤¸à¤µ व पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मेले के 8वें दिन इतिहासकार डा. सà¥à¤®à¥‡à¤² सिंह सिदà¥à¤§à¥‚ ने पंजाबी नजरिये की बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦ व वंगारा विषय पर बोलते हà¥à¤ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ किà¤à¥¤
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि आज जो पंजाबी à¤à¤¾à¤·à¤¾ बोली पंजाबी विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ कालेजों यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ में पढ़ाते व लिखते है। वह पंजाबी है ही नहीं। इस कारण आम लोगों के मन से पंजाबी बोली उतर चà¥à¤•à¥€ है। कà¥à¤› लोग मजबूरी में पंजाबी बोलते लिखते है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह उनकी रोजगार से जà¥à¤¡à¤¼à¥€ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• हवालों से बात करते हà¥à¤ कहा कि पहले पंजाबी विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ दूसरे विषयों से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ रहे व उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हर à¤à¤¾à¤·à¤¾ व विषय के माधà¥à¤¯à¤® से जà¥à¤žà¤¾à¤¨ हासिल करके उसको पंजाबी à¤à¤¾à¤·à¤¾ में पंजाबियों व पंजाब के à¤à¤²à¥‡ के लिठलाया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि आज पंजाब में चाहे à¤à¤¾à¤·à¤¾ हो या सामाजिक, राजनीतिक व आरà¥à¤¥à¤¿à¤• संकट इसकी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ सिरà¥à¤« राजनीतिजà¥à¤žà¥‹à¤‚ की नहीं बलà¥à¤•à¤¿ उन पंजाबियों की à¤à¥€ है जो इनका सामना करने से à¤à¤¾à¤— रहे है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने जोर देकर कहा कि पंजाबी विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को पता होना चाहिठकि वह जो बात करते है वह कितने लोगों तक पहà¥à¤‚चनी चाहिà¤à¥¤ जब तक वह नहीं समà¤à¤¤à¥‡ वह पंजाबी बोली से लोगों को जोड़ने में असफल रहेंगे।
इस विषय पर बोलते हà¥à¤ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ पंजाबी विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ डा. परमजीत ढींगरा ने कहा कि à¤à¤• समय था जब 50 हजार पंजाबियों ने अपने खून से चिटà¥à¤ ी लिख कर अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ सरकार को à¤à¥‡à¤œà¥€ थी। उनकी मांग थी कि पंजाब के सà¥à¤•à¥‚लों में शिकà¥à¤·à¤¾ का माधà¥à¤¯à¤® पंजाबी होना चाहिà¤à¥¤ जबकि अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ चाहते थे कि समूचे शिकà¥à¤·à¤¾ ढांचे को अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ माधà¥à¤¯à¤® के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° ढाला जाà¤à¥¤
इससे पहले दिन के पहले सेशन à¤à¤œà¥‡à¤‚डा पंजाब : अचà¥à¤›à¥‡ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की तलाश शà¥à¤°à¥‚ करते हà¥à¤ खालसा कालेज अमृतसर के पà¥à¤°à¤¿à¤‚सिपल डा. महल सिंह ने कहा कि आज नानक सिंह व जसवंत सिंह जैसे लेखकों की वह लिखित लोगों के मन में बसी हà¥à¤ˆ है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनमें सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤•à¤¤à¤¾ मौजूद थी। इसमें लोकल ठेठबोली व सà¤à¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° देखने को मिलती है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पंजाबी राजनीतिजà¥à¤ž à¤à¥€ वही याद रखे गठजो पंजाब की जड़ों से जà¥à¤¡à¤¼ कर रहे।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि आज पंजाब ने जो नई राजनीतिक करवट ली है वह तà¤à¥€ कामयाब होगी यदि वह पंजाब के लोगों के मन से जà¥à¤¡à¤¼ सकी। यदि उसने दिलà¥à¤²à¥€ का à¤à¤œà¥‡à¤‚डा पंजाब में लागू करने की कोशिश की तो पंजाबी इसको सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° न हीं करेंगे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पंजाब को संकट से निकालने के लिठखेती आधारित उदà¥à¤¯à¥‹à¤— व वातावरण पकà¥à¤·à¥€ विकास का रासà¥à¤¤à¤¾ अपनाना पड़ेगा।
इस विचार चरà¥à¤šà¤¾ का संचालन करते हà¥à¤ डा. जगरूप सिंह सेखो ने कहा कि जब तक हमें पंजाब की समसà¥à¤¯à¤¾ के बारे सही जानकारी नहीं तब तक इसका हल नहीं किया जा सकता। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि अब खाओ, पीओ, à¤à¤¶ करो वाली पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर पंजाब को बचाने के रासà¥à¤¤à¥‡ पर चलना होगा। इसलिठहमें विचारों का आदान पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करना पड़ेगा। पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ आलोचक व चिंतक डा. मनमोहन सिंह ने इस विषय पर बोलते हà¥à¤ कहा कि समसà¥à¤¯à¤¾ की पहचान तब ही की जा सकती है जब हमें अपनी पहचान हो। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि उदारीकरण बà¥à¤°à¤¾ नहंी है। समसà¥à¤¯à¤¾ उसको लोक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ से जोड़ने की है। जब तक इसको लोक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ से नहीं जोड़ा जाता तब तक यह संकट पैदा करता रहेगा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि दो देशों के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त के खिलाफ सबसे पहली आवाज पंजाब ने उठाई थी। आज फिर पंजाब ने तबदीली की आवाज बà¥à¤²à¤‚द की है। पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ पंजाबी चिंतक डा. अमरजीत सिंह गà¥à¤°à¥‡à¤µà¤¾à¤² ने कहा कि उदारीकरण को सही ढंग से लागू करने के लिठसतà¥à¤¤à¤¾ व ताकत के केंदà¥à¤°à¥€à¤¯à¤•à¤°à¤£ को खतà¥à¤® करने के लिठजमीनी सà¥à¤¤à¤° पर लाना पड़ेगा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सौलर ऊरà¥à¤œà¤¾ का हवाला देते हà¥à¤ कहा कि आज हर कोई सौलर ऊरà¥à¤œà¤¾ की तरफ बढ़ रहा है।
जिससे हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ बिजली पैदा कर रहा है। सरकारी पूल में योगदान के रासà¥à¤¤à¥‡ पर है। यह सतà¥à¤¤à¤¾ व ताकत के केंदà¥à¤°à¥€à¤¯à¤•à¤°à¤£ को तोड़ने की à¤à¤• बड़ी मिसाल है। इस तरह पंजाब में सà¥à¤µà¤°à¥‹à¤œà¤—ार व उदà¥à¤¯à¤® आधारित कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करना होगा।
सà¤à¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤• पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® की लड़ी में पंजाब संगीत नाटक अकादमी के सहयोग से पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ कवà¥à¤µà¤¾à¤²à¥‹à¤‚ की कवà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का संगीतमयी रंग पेश किया गया। इस बारे पंजाब संगीत नाटक अकादमी के मà¥à¤–ी डा. केवल धालीवाल ने कहा कि इस उतà¥à¤¸à¤µ के माधà¥à¤¯à¤® से पंजाब की अलग अलग लोक कलाओं को लोगों तक पहà¥à¤‚चाने का अवसर मिला है। खालसा कालेज ने हमेशा शिकà¥à¤·à¤¾ के सािा साथ पंजाब के लोक संगीत व कलाओं को उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ किया है। इसके बाद खालसा कालेज के संगीत व सà¤à¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° विà¤à¤¾à¤— की ओर से आधà¥à¤¨à¤¿à¤• सूफी गायक के रंगों की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ करके दरà¥à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ को मंतà¥à¤°à¤®à¥à¤—à¥à¤§ कर दिया। मेले के पà¥à¤°à¤¬à¤‚धों की देखरेख कर रहे पंजाबी विà¤à¤¾à¤— के मà¥à¤–ी डा. आतम सिंह रंधावा ने कहा कि 13 मारà¥à¤š रविवार को मेले का आखिरी दिन साहितà¥à¤¯à¤¿à¤• गायकी को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ रहेगा। पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ गायक पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤® रूपाल व अनà¥à¤¯ गायक अमृता पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤®, पà¥à¤°à¥‹. मोहन सिंह, हरिà¤à¤œà¤¨ सिंह, शिव कà¥à¤®à¤¾à¤° बटालवी व सà¥à¤°à¤œà¥€à¤¤ पातर की शायरी का गायन करेंगे। दोपहर के समय कविशरी व अनà¥à¤¯ वनगी सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ को मिलेगी। बाद दोपहर विदायगी समारोह के साथ मेला अपने शिखर को छूà¤à¤—ा।
Khalsa-College-Amritsar-Sahitya-Utsahav-Book-Mela-
Punjab News Hub is an English, Hindi and Punjabi language news paper as well as web portal. Since its launch, Jagrati Lahar has created a niche for itself for true and fast reporting among its readers in India.
Balraj Khanna (Editor)